मुरैना । अपने पदीय कर्तव्यों एवं उदासीनता के आरोप में जनपद पंचायत, गोहद जिला भिण्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नवल किशोर पाठक और जनपद पंचायत गोहद के प्रभारी सहायक यंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर को चंबल संभाग के कमिश्नर श्री रबीन्द्र कुमार मिश्रा ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। चंबल कमिश्नर श्री मिश्रा ने दिये नोटिस में बताया कि आपके कार्य क्षेत्रान्तर्गत ग्रेवल रोड निर्माण कार्य सुहास से गौशाला ग्राम पंचायत वर्ष 2019-20 में स्वीकृत राशि 11.14 लाख से प्रारंभ किया था, जांच के समय उक्त कार्य बन्द था। जांच प्रतिवेदन अनुसार मौके पर कही-कही गिट्टी विछाई का कार्य किया गया है कार्य स्थल पर कोई सामग्री भी एकत्रित नहीं थी, उक्त कार्य पर लेवर पर रूपये 6 लाख 73 हजार 92 रूपये का भुगतान तथा सामग्री पर 4 लाख 21 हजार 15 रूपये का भुगतान किया जा चुका है। उक्त कार्य पर मस्टर पर अंकित मजदूरों के कथन जांचकर्ता अधिकारी द्वारा लिये गये मजदूरों के कथनानुसार हमारे द्वारा उक्त कार्य पर कभी कोई मजदूरी कार्य नहीं किया गया है और न ही हमारे द्वारा फिनो पेमेन्ट बैंक से कोई राशि आहरित की सामग्री प्रदायकर्ता टविकल कन्ट्रेशन कम्पनी गोहद चैराहे से जांच अधिकारी द्वारा सम्पर्क स्थापित किया गया किन्तु गोहद चैराहे पर उक्त कन्ट्रेशन कम्पनी नामक कोई दुकान नहीं मिली न ही सामग्री प्रदायकर्ता कम्पनी द्वारा कोई मोबाईल उठाया गया। नोटिस में स्पष्ट उल्लेख करते हुये कमिश्नर श्री मिश्रा ने कहा कि नाला निर्माण कार्य रामसिंह बाल्मीक के घर से भूपेन्द्र के खेत तक वर्ष 2019-20 में स्वीकृत राशि 14.83 लाख से प्रारंभ किया गया था जांच के समय कार्य बन्द था। जांच प्रतिवेदन के अनुसार मौके पर कही कोई कार्य होना नहीं पाया गया लेकिन मजदूरी पर रूपये 4 लाख 24 हजार 80 रूपये का भुगतान किया जा चुका है। उक्त कार्य के मस्टर पर अंकित मजदूरों के कथन जांचकर्ता अधिकारी द्वारा लिये गये मजदूरों के कथनानुसार हमारे द्वारा उक्त कार्य पर कभी मजदूरी का कार्य नहीं किया गया है न ही हमारे द्वारा फिनो पेमेन्ट बैंक के कोई राशि आहरित की है। पंचायत में वर्ष 2019-20 में मनरेगा योजना अन्तर्गत एक करोड 64 लाख मजदूरी पर तथा सामग्री पर 47 लाख 76 हजार रूपये व्यय किए है। जबकि उक्त पंचायत में एक्टीव तथा इन्एक्टीव जॉवकार्ड मात्र 543 है। जांच में पंचायत के सभी कार्यो पर व्यय अनुसार कार्य नहीं। ग्राम पंचायत सुहास के सभी कार्यो में गंभीर वित्तीय अनियमितता पाई गई। कार्यो के पर्यवेक्षण व निरीक्षण नही करने से अप्रत्यक्ष रूप से अनियमितता परिलक्षित है। जो पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही एवं उदासीनता की परिधि में आता है, जो एक लोक सेवक के पद के अपेक्षित आचरण के विपरीत होकर मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का स्पष्ट उल्लंघन है। कमिश्नर श्री मिश्रा ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नवल किशोर पाठक और प्रभारी सहायक यंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर से 15 दिवस के अंदर कारण बताओ नोटिस का जबाव चाहा है। जबाव नहीं आने पर म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत एक पक्षीय कार्रवाही की जायेगी।